۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
बैठक

हौज़ा / मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मदरसों ने पिछले 100 वर्षों में जो काम किया है वह अद्वितीय है, जबकि आज उन्हें नीचा दिखाया जा रहा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी सरकार ने राज्य के सभी गैर-सरकारी मदरसों का सर्वेक्षण करने का फैसला किया है, जिसके खिलाफ जमीयत उलेमा हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में दिल्ली में 'इजलास ए तहफ़्फ़ुज़ ए मदारिस' आयोजित किया गया। बैठक में यूपी के 150 से अधिक मदरसों के गणमान्य लोग शामिल हुए।

जमीयत उलेमा हिंद के मुखिया मौलाना महमूद मदनी ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में सरकार के साथ बैठक की जाएगी। फिर मदरसों के मुद्दे को देखने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का काम कितना भी अच्छा क्यों न हो अगर गलत तरीके से किया जाए तो उसे गलत कहा जाएगा।

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में मदरसों ने जो काम किया है, वह अद्वितीय है, जबकि आज उन्हें नीचा दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया में मदरसों को जिस तरह पेश किया जा रहा है, उससे दोनों धर्मों के बीच दूरियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि समझो, गलत मत समझो!

उन्होंने कहा कि हम इस देश के थे और इसी देश में रहेंगे। इसे जबरदस्ती नहीं, बल्कि हर समस्या पर एक साथ चर्चा करनी चाहिए। आज सरकार से बैठक की मांग की जाएगी। सरकार को बिना किसी संदेह के कार्रवाई करनी चाहिए। जिस तरह से मामले को पेश किया जा रहा है वह गलत है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सरकार मदरसों को बंद करना चाहती है। दारुल उलूम देवबंद उम्म मदारिस हैं। दिल्ली में 33,000 विद्वानों को शहीद कर लाल किले के पास सड़कों पर लटका दिया गया। दारुल उलूम देवबंद सरकार का विरोध करने के लिए नहीं है। देश के सांप्रदायिक लोग देश में कोई मदरसा नहीं चाहते हैं। मदरसों के अस्तित्व के लिए हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। आप किसी चीज के बहाने बुलडोजर नहीं चला सकते।

गौरतलब है कि यूपी सरकार ने फैसला लिया है कि सभी गैर सरकारी मदरसों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे करने वाली टीम में एसडीएम, बीएसए और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे। सर्वे करने के बाद टीम सरकार को रिपोर्ट देगी। एसडीएम या एडीएम द्वारा समीक्षा के बाद जिलाधिकारी स्तर से रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुसलमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस सर्वे को मिनी सीएए, एनआरसी करार दिया है।

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