हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यदि कोई व्यक्ति अपनी मानसिक और शारीरिक बीमारियों पर ध्यान नहीं देता है, तो वह एक खतरनाक तत्व बन जाएगा लेकिन यदि वह ध्यान और देखभाल के साथ अपना ख्याल रखता है और एहतियात करता है तो वह एक नेक और योग्य व्यक्ति बन जाएगा।
अगल बगल दो बगीचों पर विचार करें जो माहौल, पौधों और पेड़ों के प्रकार के मामले में समान हैं। उनमें से एक का माली बगीचे को खतरे में डालने वाले कीड़ों और बीमारियों पर ध्यान देता है, तो जाहिर है कि वह बगीचा तर और ताजगी, कलियों और फूलों से भरपूर होता हैं।
लेकिन दूसरा माली या तो कीटों और बीमारियों पर ध्यान नहीं देता है या उनसे बेखबर हैं तो इस बगीचे में मुरझाए हुए और कीड़े खाए हुए फल होंगें।
मनुष्य भी ऐसा ही हैं यदि वह अपनी मानसिक और शारीरिक बीमारियों पर ध्यान नहीं देगा तो वह एक नुकसानदेह और खतरनाक तत्व बन जाएगा, लेकिन यदि वह सावधानी से अपना ख्याल रखेगा तो एक नेक और योग्य व्यक्ति बन जाएगा।
मनुष्यों के मामले में कीड़े और बीमारियां वही दोष और पाप हैं जिनके प्रदूषण के खिलाफ सभी पैगंबरों और आसमानी पुस्तकों ने मानव जाति को चेतावनी दी है, और अपनी चेतावनियों और आग्रह के साथ, उन्होंने मनुष्यों को शुद्ध रहने और पाप से बचने के लिए आमंत्रित किया है।