۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम तक़ी अ.स. ने एक रिवायत में मौत और जिंदगी में कमी और ज़्यादती के आसबाब की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलफुसूल अलमोहिम्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الجواد علیه السلام

موت الانسان بالذنوب اکثر من موته بالأجل وحياته بالبر اكثر من حياته بالعمر

हज़रत इमाम तक़ी अ.स. ने फरमाया:

पाप (गुनाह) के कारण मनुष्य की मृत्यु उसकी (पूर्वनिर्धारित) मृत्यु से अधिक होती हैं और पुण्य के साथ मनुष्य के जीवन में वृद्धि उसके सामान्य जीवनकाल से अधिक हैं।

(कुछ गुनाह कम उम्री और कुछ नेक काम लंबी उम्र के सबक बनते हैं)

अलफुसूल अलमोहिम्मा, 274-275

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