हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "हयातुल इमाम अलहसन" पुस्तक से लिया गया हैं इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام المجتبی علیه السلام
البُخْلُ جامِعٌ لِلْمَساوى وَالعُيُوبِ وَ قاطِعُ لِلْمَوَدّاتِ مِنَ القُلُوبِ. وسئل «ع» عن البخل فقال عليه السلام : «هُوَ أَنْ يَرَى الرَجُلُ ما أَنْفَقَهُ تَلِفاً وَأَمْسَكَهُ شَرَفاً.»
हज़रत इमाम हसन अ.स. ने फरमाया:
कंजूस तमाम बुराइयों की सरदार हैं,की जो मोहब्बत और दोस्ती को दिलों से दूर कर देती हैं,
एक आदमी ने इमाम से पूछा: कंजूसी की तारीफ क्या हैं?
इमाम ने इसके जवाब में फरमाया: कंजूसी यह है कि इंसान जो कुछ जमा करता है इसे शरफ समझता है और जो कुछ इंफाक करता है इसे तलफ और बर्बाद शुमार करता हैं।
हयातुल इमाम अलहसन,बाकिर शरीफ,भाग 1,पेंज 319