۱۳ آذر ۱۴۰۳ |۱ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | शैतान व्यक्ति को शुद्ध और वांछनीय चीज़ों पर खर्च करने से रोकता है। कमी का डर, खर्च को रोकने की एक शैतानी रणनीति हौ।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
الشَّيْطَانُ يَعِدُكُمُ الْفَقْرَ وَيَأْمُرُكُم بِالْفَحْشَاءِ ۖ وَاللَّـهُ يَعِدُكُم مَّغْفِرَةً مِّنْهُ وَفَضْلًا ۗ وَاللَّـهُ وَاسِعٌ عَلِيمٌ    अश शैतानो यऐदोकुमुल फ़क़्रा वा योमोरोकुम बिल फ़ाहशाए वल्लाहो यऐदोकुम मगफ़ेरतम मिन्हो वा फज़लन वल्लाहो वासेऊन अलीम (बकरा 268)

अनुवाद: शैतान आपको गरीबी और कठिनाई की धमकी देता है। और वह तुम्हें अभद्रता और अधर्म करने का आदेश (प्रोत्साहित) करता है। और अल्लाह तुम्हें अपनी क्षमा और अपनी कृपा का वादा करता है। ईश्वर सर्वज्ञ  है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣  शैतान लोगों को गरीबी की धमकी देकर खर्च करने से रोकता है।
2️⃣  शैतान मनुष्य को शुद्ध और वांछनीय चीजें खर्च करने से रोकता है।
3️⃣  गरीबी का डर, खर्च रोकने की दुष्ट युक्ति।
4️⃣  खर्च न करने से समाज में बुराई की ओर झुकाव होता है।
5️⃣  अल्लाह मनुष्य को प्रचुर जीविका और पापों की क्षमा का वादा करके खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
6️⃣  ख़र्च, प्रचुर जीविका और पापों की क्षमा का स्रोत है।
7️⃣  खर्च न करना या अनचाहे धन से खर्च करना बुराई और अश्लीलता का उदाहरण है।


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा

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