मंगलवार 31 अक्तूबर 2023 - 08:55
सूर ए बक़रा: धार्मिक मुद्दों के साथ-साथ आर्थिक मुद्दों पर भी ध्यान दें

हौज़ा |  अल्लाह तआला के विशेष पुरस्कार से धन्य होने के लिए, यह आवश्यक है कि विश्वास के साथ नेक कर्म भी हों।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَأَقَامُوا الصَّلَاةَ وَآتَوُا الزَّكَاةَ لَهُمْ أَجْرُهُمْ عِندَ رَبِّهِمْ وَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ इन्नल्लज़ीना आमनू वा अमेलुस सालेहाते वा अक़ामूस सलाता वा आतुज़ ज़काता लहुम अजरोहुम इंदा रब्बेहिम वला ख़ौफ़ुन अलैहिम वला हुम याहज़नून (बक़रा, 277)

अनुवाद: बेशक जो लोग ईमान लाये और अच्छे कर्म किये। और जिन लोगों ने नमाज़ पढ़ी और ज़कात अदा की, उनका प्रतिफल उनके रब के पास है। और (प्रलय के दिन) उनके लिए कोई भय नहीं होगा और न वे शोक करेंगे।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣  अल्लाह तआला का विशेष पुरस्कार पाने के लिए यह आवश्यक है कि विश्वास के साथ नेक कर्म भी हों।
2️⃣  जो ईमानवाले नेक काम करते हैं, उनका अल्लाह की नज़र में ऊंचा स्थान और सम्मान होता है।
3️⃣  नेक काम करने वाले विश्वासियों को इनाम का वादा करना उन्हें नेक काम के लिए प्रोत्साहित करने का कुरान का एक तरीका है।
4️⃣  इस्लाम के धार्मिक मुद्दों के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं पर भी ध्यान देना।
5️⃣  नमाज़ स्थापित करना और ज़कात अदा करना नेक कामों का सबसे अच्छा उदाहरण है।
6️⃣  जो ईमानवाले नेक काम करेंगे उन्हें कयामत के दिन कोई डर और कोई गम नहीं होगा।
7️⃣  विश्वास, धर्म कर्म, प्रार्थना और भिक्षा हृदय की संतुष्टि का कारण है।


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा

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