۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / अल्लाह सर्वशक्तिमान और क़यामत में विश्वास और अम्बिया की रिलासत की पुष्टि और दिव्य धर्मो के सामान्य सिद्धांत हैं। नेक कर्म करना सभी दिव्य धर्मों की आवश्यकता थी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَالَّذِينَ هَادُوا وَالنَّصَارَىٰ وَالصَّابِئِينَ مَنْ آمَنَ بِاللَّـهِ وَالْيَوْمِ الْآخِرِ وَعَمِلَ صَالِحًا فَلَهُمْ أَجْرُهُمْ عِندَ رَبِّهِمْ وَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ   इन्नल लज़ीना आमनू वल लज़ीना हादू वन्नसारा वस्साबेईना मन आमना बिल्लाहे वल यौमिल आख़ेरे वा अमेला सालेहन फ़लहुम अज्रोहुम इन्दा रब्बेहिम वला ख़ौफ़ुन अलैहिम वला हुम याहज़नून (बकरा 62)

अनुवादः निश्चय ही, जो ईमानवाले कहलाते हैं, यहूदी, ईसाई और साबिई (सितारों के उपासक), जो कोई (वास्तव में) अल्लाह और आख़िरत पर ईमान रखता है और अच्छे कर्म करता है। तो उनके लिए उनका अज्र उनके रब के पास (सुरक्षित) है और उनके लिए न तो कोई डर है और न वे ग़मगीन होंगे।

📕 क़ुरआन की तफसीर 📕

1️⃣      मुसलमानों, यहूदियों, ईसाइयों और साईबियों के लिए सभी प्रकार के भय और दुख से दूर रहने की शर्त है अल्लाह तआला पर सच्चा विश्वास, पुनरुत्थान के दिन में विश्वास और नेक काम करना।
2️⃣     सच्ची श्रद्धा और सत्कर्मों के बिना स्वयं को ईश्वर के धर्म में समर्पित कर देना सुख का कारण नहीं है।
3️⃣     अल्लाह सर्वशक्तिमान और और क़यामत में विश्वास और अम्बिया की रिलासत की पुष्टि और दिव्य धर्मो के सामान्य सिद्धांत हैं। 
4️⃣     धार्मिक कर्म करना सभी दिव्य धर्मों की एक आवश्यकता थी।
5️⃣     अच्छे कर्मों के बिना विश्वास और विश्वास के बिना धार्मिक कर्म न तो प्रभावी हैं और न ही मानव सुख का कारण हैं।
6️⃣     यहूदियों के लिए यह संभव था कि वे अल्लाह में अपनी सच्ची आस्था और पुनरुत्थान के दिन और नेक कामों के प्रदर्शन के कारण अपमान और लाचारी से छुटकारा पा सकें और उनसे ईश्वर के प्रकोप को दूर कर सकें।


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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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