हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलतमहीस " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال اميرالمؤمنين عليه السلام
مِن كُنوزِ الجَنَّةِ : البِرُّ و إخفاءُ العَمَلِ، و الصَّبرُ على الرَّزايا، و كِتمانُ المَصائبِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जन्नत के खज़ानो में से एक नेकी करना,आमाल को छुपा कर अंजाम देना,मुसीबत पर सब्र और उन्हें ज़ाहिर न करना,
अलतमहीस 66/153