हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रतआयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया, इंसान भौतिक मामलों से निपटने के लिए अपने जिस्म को मज़बूत बनाता है तो ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए जिसका इंसान की आत्मा से संबंध हैं।
इंसान को क्या करना चाहिए? मेरा ख़याल है कि इसके लिए इंसान को अपने ईमान को मज़बूत करना चाहिए। इंसान को अपना ईमान उस हद तक मज़बूत करना चाहिए कि वो ख़ुद को सुरक्षित महसूस करे।
जब इस तरह का ईमान होगा तो इंसान अपनी ज़िन्दगी के किसी भी चरण में मायूसी व निराशा का शिकार नहीं हो सकता आप ध्यान दे रहे हैं? वो चीज़ जो इंसान को मूल रूप से तबाह करती है नाउम्मीदी व निराशा है।
यही वो चीज़ है जो इंसान को पहले क़दम के बाद दूसरा क़दम उठाने नहीं देती और उसको बर्बाद कर देती है, उसकी सारी ताक़त ख़त्म कर देती है।
इमाम ख़ामेनेई