۹ تیر ۱۴۰۳ |۲۲ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jun 29, 2024
مایوس

हौज़ा/ज़िन्दगी, जीवन का सफ़र बहुत लंबा है, हज़ार किलोमीटर का सफ़र भी एक क़दम आगे की ओर बढ़ाने से शुरू होता है अगर उसी पहले क़दम में वह रास्ता पसंद न हो तो रास्ता बदलने का अवसर आपके पास रहता है आप को ख़ुद अपने जीवन के रास्तों को बदलना है लेकिन यह बदलाव धीरे धीरे होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अगर आप को यह लग रहा है कि आप जो भी काम करते हैं उसमें नाकामी ही मिलती है, और हर रास्ते में रुकावटें ही दिखाई देती हैं जिस से आप निराश और हताश हो चुके हैं, इसका मतलब यह है कि आप जीवन में एक ही जगह रुके हुए हैं और आगे नहीं बढ़ना चाहते, और इसके क्या कारण हो सकते हैं उन्हें इस लेख में बयान किया जाएगा।

जीवन में हर समय बदलाव आता रहता है, और एक ही जगह पर रुक जाना ऐसा आप ही के द्वारा परिस्तिथि को न समझने के कारण होता है, ध्यान रहे आप ही को अपने जीवन के रास्तों को चुनना है और वह रास्ते आपके भविष्य को बहुत प्रभावित करते हैं।

जीवन का सफ़र बहुत लंबा है, हज़ार किलोमीटर का सफ़र भी एक क़दम आगे की ओर बढ़ाने से शुरू होता है, अगर उसी पहले क़दम में वह रास्ता पसंद न हो तो रास्ता बदलने का अवसर आपके पास रहता है, आप को ख़ुद अपने जीवन के रास्तों को बदलना है लेकिन यह बदलाव धीरे धीरे होगा।

या इस प्रकार कहा जाए कि जीवन के कठिन से कठिन दिनों में छोटे छोटे क़दम बच्चों की तरह उठाएं ताकि आराम से चलते रहें।

अगर शुरू से सभी काम एक साथ करना चाहेंगे कभी सफ़ल नहीं होंगे, और अधिक रुकावटों का सामना करना पड़ेगा, जिस से आहत हो कर आप उसी स्थान पर रुके रहेंगे और आगे नहीं बढ़ पाएंगे, और यह भी हो सकता है कि आप जीवन की परिस्तिथियों के अनुसार सही फ़ैसला नहीं कर पा रहे हों।

या शायद आप की भी अधिकतर लोगों की तरह आदत हो चुकी है कि हमेशा जीवन की परिस्तिथियों को दोष देते हुए उसे बुरा भला कहें, और अपनी ग़लतियों को अपनी बदक़िस्मती समझते रहें, जबकि इस बात की ओर ध्यान रहना चाहिए कि जीवन की उन परिस्तिथियों को ख़ुद आपने अपने लिए चुना था, इसलिए इस ओर ज़रूर ध्यान रखिये, और उस से सबक़ लेते हुए भविष्य में सही रास्ते को सही सोंच के साथ चुनना होगा।

अपने जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए और कठिन परिस्तिथियों का डट कर सामना करने के लिए नीचे दिए कारणों को ध्यान से पढ़ते हुए जीवन में अपनाना चाहिए।

असफ़लता का डर

अगर आप अपने सपनों को सच कर दिखाने के लिए गंभीरता से आगे बढ़ रहे हैं, कभी कभी परिस्तिथि न चाहते हुए डर और परेशानियों जैसी हो जाती हैं कि क्या सच में मेरे सपने पूरे होंगे, मैं सफ़ल हो पाऊँगा या नहीं, ऐसी परिस्तिथि में न डरें न घबराएं बल्कि मज़बूत इरादे और हिम्मत के साथ आगे बढ़ते जाएं, किसी क़ीमत पर असफ़लता के डर को दिल में जगह न बनाने दें, क्योंकि असफ़लता का एहसास आप के इसी डर के कारण है।

नकारात्मक सोंच

सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम केवल सामने की चीज़ों को देख कर फ़ैसला कर लेते हैं और दूरदर्शिता (बसीरत) से काम नहीं लेते हैं, हमारे सामने सब से बड़ी रुकावट और दीवार ख़ुद हमारी नकारात्मक सोंच है, अगर आप दूर्दर्शिता से काम नहीं लेंगे और नकारात्मक सोंच को ख़त्म नहीं करेंगे तो यही नकारात्मक सोंच हम पर हावी हो जाएगी।

याद रहे नकारात्मक सोंच उस घास की तरह है जिस को अगर जड़ से न उखाड़ा जाए तो वह फिर से उग आएगी, इसीलिए अपने भविष्य की बागडोर अपने हाथ में रखें, अपनी क्षमता पर भरोसा रखें, और जो आपके इरादों और हौसलों को पस्त कर रहा हो उसे अपने से दूर रखें, नकारात्मक लोगों और जगहों से हमेशा दूरी बनाए रखें, कभी मायूस न हों, और दिमाग़ में उठने वाले हर तरह के शक और नकारात्मक सोंच को उसी समय दिमाग़ से निकाल दें।

अल्लाह की नेमतों की क़द्र करना

हर क़दम पर अल्लाह की ओर से दी गई नेमतों को याद करें और उसका शुक्र अदा करें, शायद आज आप की सुबह तकलीफ़ और परेशानियों में हुई हो लेकिन उसका शुक्र इस बात पर करें कि उस मालिक ने सुबह नसीब की, हो सकता है आप ने अपने जीवन में बहुत कष्ट उठाए हों, और यह भी हो सकता है कि बहुत सी चीज़े जो आप चाह रहे हों उन तक नहीं पहुँच सके हों लेकिन फिर भी वह नेमतें जो आप को मिल चुकी उन पर अल्लाह का शुक्र अदा करें और आगे बढ़ते रहें, इसलिए कि जीवन में अल्लाह का दिया हुआ आपके पास उस चीज़ से अधिक है जो आप को नहीं मिला है, आप को न मिलने वाली चीज़ो पर तकलीफ़ न हो इसलिए अल्लाह की ओर से जो मिल चुका है उन को गिनो और शुक्र अदा करो।

आज पर ध्यान दें

अगर आप गुज़रे दिनों के बारे में ही सोंचते रहेंगे तो आज में आगे नहीं बढ़ सकते, आप को आगे बढ़ने के लिए आज पर ध्यान देना होगा, अपने प्रयास में कोई कमी न करें और अल्लाह पर हमेशा हर काम में भरोसा रखें, क्यों कि ऐसा करने पर अल्लाह ज़रूर मदद करेगा।

अपने अंदर ख़ुशी ढ़ूँढ़े

दूरदर्शिता का मतलब केवल ज्ञान का अधिक होना नहीं है, बल्कि सब से बड़ी दूरदर्शिता यह है कि इंसान अपनी क्षमताओं को पूरी तरह से समझे, आपकी मालदारी अच्छा घर, अच्छी गाड़ी और ख़ूबसूरती नहीं है, बल्कि अपनी क्षमताओं को पूरी तरह समझना बहुत ज़रूरी है, अपनी क्षमताओं को समझ कर जो ख़ुशी आप को मिलेगी वह दुनिया की सबसे अनमोल ख़ुशी होगी।

यह वह कारण हैं जिन को अपने जीवन में अपना कर एक सुखी जीवन बिताया जा सकता है।

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