हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
لَوْ لَمْ یَتَوَعَّدِ اللهُ عَلَى مَعْصِیَةٍ لَكَانَ یَجِبُ أَنْ لاَ یُعْصَى شُكْراً لِنِعَمِهِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अगर अल्लाह तआला ने अपनी मअसीयत के आजाब से ना भी डराया होता तब भी उसकी नेमतों पर शुक्र का तकाज़ा यह था कि उसकी मअसीयत( गुनाह )ना की जाए
नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं,290