हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلى عليه السلام
مَنْ تَذَكَّرَ بُعْدَ السَّفَرِ اسْتَعَدَّ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो सफर की दूरी को ध्यान में रखता है वह इसके लिए कमर बस्ता रहता हैं।
नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं 272