۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में बे जा तारीफ और प्रशंसा के अंजाम कि ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال امیرالمومنین علیه السلام

ثُمَّ رُضْهُم عَلى اَلاّ يُطْرُوكَ ولا يَبْجَحُوكَ بباطِلٍ لم تَفْعَلْهُ، فاِنَّ كَثرَةَ الإطْراءِ تُحْدِثُ الزَّهوَ وتُدْنى مِنَ العِزّةِ


हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने जनाब मलिके अश्तर को सलाह दी और कहा:


लोगों को यह सिखाइए कि जो आपने नहीं किया है, उसके लिए अनावश्यक रूप से आपकी प्रशंसा न करें उसकी तरीफ न करें। क्योंकि अनावश्यक और प्रशंसा से इसान अहंकार और मग़रूर हो जाता है।
नहजुल बलाग़ा, नामा 52 पैराग्राफ 34

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .