۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
रहबर

हौज़ा/ सुप्रीम लीडर में फरमाया,अल्लाह के लिए, लोगों के संबंध में अपने अहद पर अमल करे” एक तो यह कि वाजिब अंजाम दे, इस जुमले का मतलब यही है यानी वो अधिकार जो अल्लाह ने अपने लिए, बंदों के कांधों पर रखे हैं उन्हें अदा करे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली खामेनेई ने फरमाया,अल्लाह के लिए, लोगों के संबंध में अपने अहद पर अमल करे” एक तो यह कि वाजिब अंजाम दे, इस जुमले का मतलब यही है यानी वो अधिकार जो अल्लाह ने अपने लिए, बंदों के कांधों पर रखे हैं उन्हें अदा करे।

दूसरे यह कि उसकी ज़बान सच्ची हो, लोगों से झूठ न बोले। तीसरे यह कि सभी बुरे कामों से अल्लाह के सामने और लोगों के सामने शर्म करे। इसका यह मतलब नहीं है कि वो बुरे काम करता ही नहीं क्योंकि अगर उसका कोई गुनाह ही न होगा तो वो ‘गुनाहों से पाक हो जाने वाला’ कैसे कहलाएगा; कहना यह चाहते हैं कि इंसान के भीतर गुनाह की बुराई का एहसास हो और वह गुनाह से शर्म करे।

चौथे यह कि अपने घरवालों के साथ अच्छा अख़लाक़ अपनाए यह वो बला है जिसके बहुत से नेक व मोमिन इंसान शिकार हो जाते हैं और अपने बीवी बच्चों के साथ बुरे अख़लाक़ से पेश आते हैं, कठोरता और चिड़चिड़ापन दिखाते हैं और यह बहुत बुरी चीज़ है।

इमाम ख़ामेनेई

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