सोमवार 18 मार्च 2024 - 06:26
पापियों का ज्ञान और जागरूकता उनके दंड की संख्या और गुणवत्ता में प्रभावी होनी चाहिए

हौज़ा | धर्मत्यागियों का शाश्वत अभिशाप और अपरिवर्तनीय दंड। अल्लाह तआला मुर्दों और यहूदियों और ईसाइयों के अविश्वासियों को बिना किसी राहत के सज़ा देता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
خَالِدِينَ فِيهَا لَا يُخَفَّفُ عَنْهُمُ الْعَذَابُ وَلَا هُمْ يُنظَرُونَ ‎ ख़ालेदीना फ़ीहा ला योख़फ़्फ़्फ़ो अनहोमुल अज़ाबा वला हुम युनज़रून (आले इमरान, 88)

अनुवाद: वे सदैव इस श्राप में फँसे रहेंगे। न तो उनकी सज़ा कम की जायेगी और न ही उन्हें मोहलत दी जायेगी।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ धर्मत्यागियों के लिए शाश्वत अभिशाप और अपरिवर्तनीय सजा।
2️⃣ अल्लाह यहूदियों और ईसाइयों के धर्मत्यागियों और अविश्वासियों को बिना किसी राहत के दंडित करता है।
3️⃣ पापियों का ज्ञान और जागरूकता उनके दंड की संख्या और गुणवत्ता में प्रभावी होनी चाहिए।
4️⃣ यहूदी, ईसाई और धर्मत्यागी अल्लाह की दृष्टि और ध्यान खो देते हैं।


•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•
तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha