۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / विद्यार्थी के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षक की भूमिका। सभी स्वर्गीय पुस्तकों में अल्लाह तआला की शिक्षाएँ और कानून शामिल हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَيُعَلِّمُهُ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ وَالتَّوْرَاةَ وَالْإِنجِيلَ  वयोअल्लेमोहुल किताबा वल हिक्मता वस तौराता वल इंजीला (आले-इमरान, 48)

अनुवाद: और ईश्वर इस (बच्चे) को किताब और हिक्मत और तौरात और इंजील (बाइबिल) सिखाएगा।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ हजरत ईसा अलैहिस्सलाम के गुरु अल्लाह तआला हैं।
2️⃣ विद्यार्थी के व्यक्तित्व के विकास में शिक्षक की भूमिका।
3️⃣ ईश्वरीय पुस्तक की शिक्षा व ज्ञान एक महान वरदान है।
4️⃣ सभी स्वर्गीय पुस्तकों में सर्वशक्तिमान ईश्वर की शिक्षाएँ और कानून शामिल हैं।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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