रविवार 14 अप्रैल 2024 - 05:27
अल्लाह की मर्जी के आगे दौलत और औलाद बेअसर हैं

हौज़ा | काफिरों की दौलत और उनके बच्चे उन्हें ईश्वर की सजा से नहीं बचा सकते। मनुष्य के भौतिक संसाधन अविश्वास के मोर्चे पर ईश्वर को नकारने से पैदा हुई खाई को नहीं भर सकते।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا لَن تُغْنِيَ عَنْهُمْ أَمْوَالُهُمْ وَلَا أَوْلَادُهُم مِّنَ اللَّهِ شَيْئًا وَأُولَٰئِكَ أَصْحَابُ النَّارِ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ   इन्नल लज़ीना कफ़रू लन तुग़नेया अनहुम अमवालोहुम वला औलादोहुम मिनल्लाहे शैअव व उलाएका असहाबुन नारे हुम फ़ीहा ख़ालेदून (आले-इमरान, 116)

अनुवाद : बेशक जो लोग काफ़िर हुए, उन्हें अल्लाह से उनके माल और औलाद से कोई बचा नहीं सकेगा। वे नरक में हैं और सदैव उसमें ही रहेंगे।

क़ुरआन की तफसीरः

1️⃣ काफ़िरों की दौलत और उनकी औलाद उन्हें ख़ुदा की सज़ा से नहीं बचा सकती।
2️⃣ मनुष्य के भौतिक संसाधन अविश्वास के मोर्चे पर ईश्वर के इन्कार से पैदा हुई खाई को नहीं भर सकते।
3️⃣ अल्लाह की मर्जी के आगे काफिरों की बेबसी।
4️⃣ धन और संतान मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण भौतिक पूंजी हैं।
5️⃣ अल्लाह की रज़ा के आगे धन और संतान का बेअसर होना।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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