۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / लोगों के कर्मों के अंत का उल्लेख लोगों को प्रशिक्षित करने के कुरान के तरीकों में से एक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
‏وَاتَّقُوا النَّارَ الَّتِي أُعِدَّتْ لِلْكَافِرِينَ  वत्तक़ुन्नारल लती ओइद्दत लिल काफ़ेरीना (आले-इमरान, 131)

अनुवाद: और उस आग से बचो जो काफ़िरों के लिए तैयार की गई है।

क़ुरआन की तफ़सीर:

1️⃣ नरक की आग से कष्ट के कारणों से बचना आवश्यक है।
2️⃣ सूदखोरी नरक की आग में पीड़ा का एक कारण है।
3️⃣ सूदखोर वैसे तो ईमान का दावा करते हैं, लेकिन असल में वो कुफ्र चुनने वालों में से है।
4️⃣ अविश्वासियों के लिए नरक की आग अब से तैयार और मौजूद है।
5️⃣ जो सज़ा काफ़िरों की होगी वही सूदखोरो की होगी।
6️⃣मुत्तक़ी और अविश्वासियों के लिए सफलता और सजा दो अलग-अलग छोर है।
7️⃣ लोगों के कार्यों के अंत का उल्लेख करना लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए कुरान के तरीकों में से एक है।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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