हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
هَا أَنتُمْ أُولَاءِ تُحِبُّونَهُمْ وَلَا يُحِبُّونَكُمْ وَتُؤْمِنُونَ بِالْكِتَابِ كُلِّهِ وَإِذَا لَقُوكُمْ قَالُوا آمَنَّا وَإِذَا خَلَوْا عَضُّوا عَلَيْكُمُ الْأَنَامِلَ مِنَ الْغَيْظِ قُلْ مُوتُوا بِغَيْظِكُمْ إِنَّ اللَّهَ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ हा अंतुम ऊलाए तोहिब्बूनहुम वला योहिब्बूनाकुम वा तूमेनूना बिल किताबे क़ुल्लेही व इज़ा लकूकुम क़ालू आमन्ना व इज़ा खलो अज़्ज़ू अलैकुम अल आनामेला मिनल ग़ैज़े क़ुल मूतू बेग़ैज़ेकुम इन्नल्लाहा अलीमुन बेज़ातिस सोदूर (आले इमरान, 119)
अनुवाद: आप ऐसे (सीधे) हैं कि आप उनसे प्यार करते हैं लेकिन वे आपसे प्यार नहीं करते। हालाँकि आप (स्वर्गीय) किताब पर विश्वास करते हैं। (उनकी हालत यह है कि) जब वे तुमसे मिलते हैं, तो कहते हैं, ''हमें विश्वास करने दो।'' और जब वे अकेले होते हैं तो आप पर क्रोध करके अपनी उंगलियां चबा लेते हैं। उनसे कहो कि वे अपने क्रोध से मर जाएँ। निस्संदेह, अल्लाह भली-भाँति जानता है कि सन्दूक के अन्दर क्या है।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ कुछ मोमिनों का काफिरों और अविश्वासियों से प्रेम और उनका मोमिनों को धोखा देना और धोखा देना।
2️⃣ ईश्वरीय पुस्तकों में आस्था के कारण मुसलमान सभी धर्मों के अनुयायियों से प्रेम करते हैं।
3️⃣ काफ़िरों और अजनबियों के प्रति प्रेम दिखाने के बावजूद, मोमिनों के प्रति उनकी घृणा।
4️⃣ मुनाफ़िक़ों का ईमानवालों से बैर और द्वेष।
5️⃣ व्यक्ति की आंतरिक स्थिति का प्रभाव उसकी बाहरी परिस्थितियों और व्यवहार पर पड़ता है।
6️⃣ धर्म के दुश्मन, आस्थावानों को भुलाने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
7️⃣ मनुष्य की छाती प्रेम और घृणा का भण्डार है।
8️⃣ दिल के सभी रहस्यों से अल्लाह की परिचितता पर ध्यान केंद्रित करने से व्यक्ति को पाप और भटकाव से मुक्ति मिलती है।
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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान