हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कश्फुल गुम्माह" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الکاظم علیه السلام
وَجَدْتُ عِلْمَ النّاسِ فى اَرْبَـعٍ: اَوَّلُــها اَنْ تَعْرِفَ رَبَّكَ، وَالثّانِيَةُ اَنْ تَعْرِفَ ما صَنَعَ بِكَ، وَالثّـالِثَةُ اَنْ تَعْـرِفَ مـا اَرادَ مِنْكَ، وَالرّابِعَةُ اَنْ تَعْرِفَ ما يُخْرِجُكَ مِنْ دينِكَ
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने फरमाया:
मैंने लोगों के ईल्म व दानिश को चार चीज़ों में पाया:
पहला यह कि अपने परवरदिगार को पहचानो,
दूसरा यह कि यह जानों कि तुम्हारे साथ क्या हुआ,
तीसरा यह कि जानों की तुमसे क्या तलब किया गया हैं
चौथा यह की यह जानों की कौन सी चीज़ तुम्हें तुम्हारे दीन से बाहर करती हैं।
कश्फुल गुम्माह,भाग 3,पेंज 45