۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / मर्द के लिए किसी ना महरम औरत के चेहरे और हाथों के अलावा उसके जिस्म या बालों को देखना जायज़ नहीं है चाहे यह देखना लज्ज़त जींसी(जिस्मी)और खौफ फितना रखता हो या उसके बगैर हो जबकि यौन का इरादा या लज्ज़ते जींसी के साथ तो चेहरा और हाथ देखना भी हराम हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल : ना महरम औरतों को देखने की क्या सीमा हैं?

उत्तर : मर्द के लिए किसी ना महरम औरत के चेहरे और हाथों के अलावा उसके जिस्म या बालों को देखना जायज़ नहीं है चाहे यह देखना लज्ज़त जींसी(जिस्मी)और खौफ फितना रखता हो या उसके बगैर हो जबकि यौन का इरादा या लज्ज़ते जींसी के साथ तो चेहरा और हाथ देखना भी हराम हैं।

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