۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई

हौज़ा/अक्सर लोग ना महरम औरत को एक ही निगाह में ज़्यादा देर तक देखते हैं जबकि अम्दन और जानबूझकर ना महरम को लज़्जत की निगाह से देखना हराम हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,
सवाल: क्या एक निगाह में ना महरम को देख सकते हैं?
अकसर लोग यही सोचते हैं कि:

जवाब: ना महरम को एक बार देखना हलाल है और इसी वजह से अक्सर लोग ना महरम औरत को एक ही निगाह में ज़्यादा देर तक देखते हैं जबकि अम्दन और जानबूझकर ना महरम को लज़्जत की निगाह से देखना हराम हैं अगर हराम में पढ़ने का डर भी नहीं है तो भी एहतियात ए वाजिब की बिना पर भी देखना जायज़ नहीं हैं।
तौज़िहुल मसाइल मराजय इकराम, मसला नं 2433

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