۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / अस्ल पेंटिंग बनाने में कोई इश्काल नहीं है,लेकिन बे हिजाब औरत के फोटो की तरफ निगाह करना जिसको पहचानता हो अगर उसकी तौहीन का सबब न हो तब भी एहतियाते वाजिब की बिना पर जायज़ नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : किसी मर्द का ना महरम औरत की पेंटिंग बनाने का क्या हुक्म हैं?

जवाब : अस्ल पेंटिंग बनाने में कोई इश्काल नहीं है,लेकिन बे हिजाब औरत के फोटो की तरफ निगाह करना जिसको पहचानता हो अगर उसकी तौहीन का सबब न हो तब भी एहतियाते वाजिब की बिना पर जायज़ नहीं हैं।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .