हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अजमेर/राजस्थान स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर जन्नतुल बकीअ का संरक्षण कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। मिशन अहले बैत के प्रमुख सैयद फजल मोइन चिश्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हजरत सय्यदा बीबी फातिमा अल-ज़हरा के मकबरे के पूर्ण पुनर्निर्माण की आवाज उठाना है, जिसे सौ साल पहले नष्ट कर दिया गया था। ।
इस सम्मेलन में देश भर की प्रमुख हस्तियों ने अहले-बैत के प्रति अपना प्यार जताया और सऊदी सरकार से मजार-ए-ज़हरा के पुनर्निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।
इस सम्मेलन में मजलिस उलेमा हिंद के प्रमुख मौलाना कल्बे जवाद नकवी, मौलाना सैयद मुंतज़िर मेहंदी, मुहम्मद अली कादरी, सैयद हबीब अहमद अल हुसैनी, अमन अब्बास, अली कादरी, कामरान हैदर, मूतल महदी, पंजाबी सूफी राज ज़ैन, तुषार गांधी, स्वामी सारंग, संदीप पांडे सहित अन्य विद्वान भी शामिल हुए।
अंजुमन सैयद जादेगान के पूर्व अध्यक्ष सैयद मोइन हुसैन चिश्ती, सैयद वाहिद हुसैन अंगारा शाह, सैयद गफ्फार काजमी, सैयद राहत मोतीवाला और खुदामिन ख्वाजा भी मौजूद थे।