हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الکاظم علیه السلام
طُوبى لِشيعَتِنَا الْمُتَمَسِّكينَ بِحُبِّنا فى غَيْبَةِ قائِمنا اَلثّابِتينَ عَلى مُوالاتِنا وَ الْبَرآئَةِ مِنْ اَعْدآئِنا اُولئِكَ مِنّا وَ نَحْنُ مِنْهُمْ وَ قَدْ رَضُوا بِنا اَئِمَّةً وَ رَضينا بِهِمْ شيعَةً وَ طُوبى لَهُمْ، هُمْ وَ اللّهِ مَعَنا فى دَرَجَتِنا يَوْمَ الْقِيامِةِ
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने फरमाया:
भाग्यशाली है हमारे शिया कि जो हमारे कायम अ.स. की ग़ैबत के ज़ामाने में हमसे मोहब्बत करते हैं, और हमारी दोस्ती और हमारे दुश्मनों से बारआत पर साबित कदम हैं,वह हमारे नेतृत्व से संतुष्ट हैं और हम उनके शिया होने से संतुष्ट और खुश हैं, भाग्यशाली है वह खुदा की कसम वह कयामत के दिन हमारे साथ हमारे हम मर्तबा हैं।
बिहारूल अनवार, भाग 51,पेंज 151