हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसलुश् शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله
يا اَباذَرٍّ! حاسِبْ نَفْسَكَ قَبْلَ اَنْ تُحاسَبَ، فَاِنَّهُ اَهْوَنُ لِحِسابِكَ غـَداً، وَزِنْ نَفْسَكَ قَبْـلَ اَنْ تُـوزَنَ، وَتَجَهَّزْ لِلْعَرْضِ الأكْبَرِ يَوْمَ تُعْرَضُ، لاتَخْـفى عَلَى اللّه خافِيةٌ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने फरमाया:
ए ! अबूज़र इससे पहले की तुम्हारा हिसाब किया जाए तुम अपने नफ्स का हिसाब करो कि यह काम कल के दिन तुम्हारे हिसाब को आसान कर देगा, इससे पहले इसके कि तुम्हारे आमाल का वजन किया जाए तुम अपने नफ्स का वजन करो और अपने आप को कयामत के दिन के लिए तैयार करो और अपने आप को कयामत के लिए आमादा करो कि जिस दिन तुम्हें पेश किया जाएगा और उस दिन कोई मख्फी चीज़ खुदा से पोशीदा नहीं होगी,
वसलुश् शिया,भाग 117,पेज 379