۳ آبان ۱۴۰۳ |۲۰ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 24, 2024
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हौज़ा / लखनऊ में मुहर्रम के मौके पर 186 साल पुराना शाही ज़रीह का जुलूस निकला जाएगा यह शाही जुलूस इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की याद में निकाला जाता है यह शाही जुलूस बड़ा इमामबाड़ा से शाम 6 बजे निकलेगा और देर रात छोटा इमामबाड़ा पहुंचेगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ में मुहर्रम के मौके पर 186 साल पुराना शाही ज़रीह का जुलूस निकला जाएगा  यह शाही जुलूस इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की याद में निकाला जाता है यह शाही जुलूस बड़ा इमामबाड़ा से शाम 6 बजे निकलेगा और देर रात छोटा इमामबाड़ा पहुंचेगा।

मुहर्रम का चांद रविवार को नमूदार होते ही शहर की फिजा में तमाम दर्द भरे नौहे घुलकर इसकी आमद की खबर देने लगे अब मुहर्रम की आमद की खबर देता 186 साल पुराना शाही जरीह का जुलूस सोमवार यानी आज शाम को निकाला जाएगा।

इसकी रौनक मोम से बनी 20 फुट की शाही जरीह और 15 फुट की दो अबरक होंगी यह जुलूस बड़ा इमामबाड़ा से शाम 6 बजे निकलेगा और देर रात छोटा इमामबाड़ा पहुंचकर संपन्न होगा।

मुहर्रम का चांद नूदार होते ही इमाम हुसैल और कर्बला के शहीदों की याद में अकीतबंद गमजदा हो गए घर के अजाखानों में इमाम हुसैल की शबीह ताजिया रखकर सजाया गया।

अजादारों ने अपने घर के अजाखानों में ताजिये, जरीह, अलम, पटके और दूसरे तबर्रुकात सजा कर इमामबाड़ों को रोशन कर दिया।

इमामबाड़ों में अजादारों के बैठने के लिए दरी फर्श और धूप बारिश से बचने के लिए टेंट की व्यवस्था की गई। लोगों ने अजाखाने के सामने फर्शे अजा बिछाकर नौहाख्वानी और सीनाजनी की वहीं, अकीदतमंद इमाम और कर्बला के शहीदों के गम में कपड़े बदलकर स्याह लिबास पहन मजलिस-मातम में शरीक होते रहे हैं।

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