हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत रसूल अल्लाह स.स.व.व. के उत्तराधिकारी और पहले इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर 30 व 31 मार्च और एक अप्रैल यानी 19, 20 एवं 21 रमज़ान को शोक मनाया जा रहा हैं इस दौरान विभिन्न इमाम बारगाहों और मस्जिदों में आयोजित मजलिस, जुलूस और मातम में मोमनीन शरीकर होकर खिराजे अकीदत पेश करेंगें।
इन तीन दिनों में शहर में विभिन्न मस्जिदों से हजरत अली के जनाजे का प्रतीक ताबूत जुलूस निकाला जाएगा।
ताजियादार कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मुनीर आब्दी ने बताया कि 30 मार्च को भोर में फज्र की नमाज के तत्काल बाद हैदरी मस्जिद खुर्द महल दिल्ली दरवाजा से शबीह-ए-ताबूत उठकर इमामबाड़ा जवाहर अली खां आएगा इसी के तत्काल बाद बज्मे सलात मस्जिद से ताबूत उठकर हुसैनी मंजिल राठहवेली जाएगा।
30 मार्च की रात नौ बजे ऐतिहासिक ताबूत जुलूस चौक मस्जिद वक्फ हसन रजा खां से उठकर हैदरगंज होते हुए नगर के वजीरगंज बड़ी दरगाह जप्ती जाएगा इस जुलूस में शहर की सभी अंजुमने जुलूस में शरीक होकर नौहाख्वानी और सीनाजनी करेंगी।
31 मार्च को रात नौ बजे ताबूत जुलूस चौक मस्जिद से उठकर इमामबाड़ा जवाहर अली खां जाएगा इमामबाड़ा में स्व. एसएम सज्जाद के अजाखाने पर मजलिस होगी।
21 रमजान का अंतिम ऐतिहासिक ताबूत जुलूस राठहवेली स्थित स्व. शाकिर के घर से बरामद होगा इमामबाड़ा, चौकी चौक चौराहा होते हुए दिल्ली दरवाजा खुर्दमहल की दरगाह पहुंचकर खत्म होगा। जुलूस के मध्य हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सय्यद अहमद अली आब्दी प्रिंसिपल नजफी हाउस मुम्बई तकरीर करेंगे। जुलूस के समापन पर ताबूत को कर्बला में सुपुर्द-ए खाक किया जाएगा।