۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौज़ा / जौनपुर,चेहल्लुम रविवार को गमगीन माहौल में मनाया गया,इमाम बारगाह शेख मुहम्मद इस्लाम से उठा जुलूस देर रात सदर इमाम बारगाह पहुंचा जहां नम आंखों से सभी ताजिए एवं तुरबत सुपुर्दे खाक किये गये।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शीराजे हिंद जौनपुर का चेहल्लुम रविवार को गमगीन माहौल में मनाया गया। इमाम बारगाह शेख मुहम्मद इस्लाम से उठा जुलूस देर रात सदर इमाम बारगाह पहुंचा जहां नम आंखों से सभी ताजिए एवं तुरबत सुपुर्दे खाक किये गये।

इसके पहले शनिवार को 8 बजे रात में इमाम चौक इस्लाम मरहूम पर ताजिया रखा गया। इसके बाद शब्बेदारी व मजलिस हुई जहां नगर एवं बाहर से आयीं अंजुमनों ने सारी रात नौहा व मातम करके कर्बला के प्यासे शहीदों को पुरसा दिया।

सुबह 5 बजे मजलिस हुई जिसके बाद आग में जंजीरों का मातम अंजुमन गुलशने इस्लाम रजिस्टर्ड ने किया कार्यक्रम का संचालन सैय्यद अकबर हुसैन जैदी एडवोकेट ने किया।

रविवार को दिन में 1 बजे मजलिस शुरू हुई जिसे मौलाना सैय्यद नदीम जैदी फैजाबादी ने खिताब किया। मजलिस की समाप्ति पर इमामबाड़े से चमत्कारी तुरबत निकाली गई।

साथ में ताजिये भी निकले। पान दरीबा रोड, हमाम दरवाजा, काजी की गली, पुरानी बाजार होता हुए सदर इमामबाडा पर जुलूस समाप्त हुआ। जुलूस का संचालन सैय्यद कबीर जैदी ने किया। बता दें कि शिराजे हिंद का चेहल्लुम एक दिन पहले मनाया जाता है जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों जायरीन पहुंचते हैं।

इसकी वजह बताई जाती है कि इस इमाम बारगाह एवं जुलूस के बानी शेख मुहम्मद इस्लाम मरहूम को किसी मामले में फंसा दिया गया था। उन्हें जेल हो गई थी, उन्हें जिस दिन रिहा किया गया, वह सफर के महीने की 18 तारीख थी।

जेल से छूटने के बाद रात भर मजलिस मातम करके 19 सफर को ताजिया को उठाया गया। इस चेहल्लुम की देख—रेख मीर मुजफ्फर हुसैन जैदी के खानदान के लोग करते हैं।

इस अवसर पर सैय्यद जाफर हुसैन ज़ैदी करबलाई मुतवल्ली, सैय्यद कबीर जैदी, सैय्यद जमीर जैदी, सैय्यद अकबर हुसैन जैदी एडवोकेट, सैय्यद शाहिद ज़ैदी, कार्यकारी मुतवल्ली सैय्यद लाडले जैदी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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