हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
عنْدَ تَنَاهِي الشِّدَّةِ تَكُونُ الْفَرْجَةُ، وَعِنْدَ تَضَايُقِ حَلَقِ الْبَلاَءِ يَكُونُ الرَّخَاءُ
हज़रत इमाम अली अ.स. ने फरमाया:
जब कठिनाइयां अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाए तो आसानीया आना शुरू हो जाती है और जब मुसीबतें घेरा तंग कर ले तो उस वक्त आराम की बारी आती हैं।
नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं 351