हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा हिक्मत" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
قال الامیرالمؤمنين عليه السلام:
الثَّناءُ بأكثَرَ مِن الاستِحقاقِ مَلَقٌ و التَّقصيرُ عنِ الاستِحقاقِ عِيٌّ أو حَسَدٌ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
किसी को उसके हक़ से ज्यादा प्रशंसा करना चापलूसी और हक़ में कमी करना कोताह बयानी या हसद हैं।
नहजुल बलाग़ा हिक्मत,347