हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "काफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیہ السلام
إِنَّ اَللَّهَ عَزَّ وَجَلَّ جَعَلَ لِلشَّرِّ أَقْفَالاً وَجَعَلَ مَفَاتِيحَ تِلْكَ اَلْأَقْفَالِ اَلشَّرَابَ وَاَلْكَذِبُ شَرٌّ مِنَ اَلشَّرَابِ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
बेशक अल्लाह तआला ने बुराई पर ताले लगाए हैं और शराब उन तालों की चाबी है, लेकिन झूठ शराब से भी बदतर है।
अलकाफी,भाग 2,पेज 338,हदीस नं 3