हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق عليه السّلام
إِنَّ لِلَّهِ حَرَماً وَ هُوَ مَكَّةُ أَلاَ إِنَّ لِرَسُولِ اَللَّهِ حَرَماً وَ هُوَ اَلْمَدِينَةُ أَلاَ وَ إِنَّ لِأَمِيرِ اَلْمُؤْمِنِينَ حَرَماً وَ هُوَ اَلْكُوفَةُ أَلاَ وَ إِنَّ قُمَّ اَلْكُوفَةُ اَلصَّغِيرَةُ أَلاَ إِنَّ لِلْجَنَّةِ ثَمَانِيَةَ أَبْوَابٍ ثَلاَثَةٌ مِنْهَا إِلَى قُمَّ تُقْبَضُ فِيهَا اِمْرَأَةٌ مِنْ وُلْدِي اِسْمُهَا فَاطِمَةُ بِنْتُ مُوسَى وَ تُدْخَلُ بِشَفَاعَتِهَا شِيعَتِي اَلْجَنَّةَ بِأَجْمَعِهِمْ.
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
अल्लाह तआला हरम रखता है और उसका हरम मक्का है, पैगंबर (स) भी हरम रखते हैं और उनका हरम मदीना है, हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम भी हरम रखते हैं और उनका हरम कुफा है, कुम भी एक छोटा कुफा है जन्नत के आठ दरवाजों में से तीन कुम की ओर खुलते हैं फिर इमाम ने फ़रमाया मेरी औलाद में से एक खातून (महिला) जिनकी शहादत कुम में होगी और उसका नाम फ़ातिमा बिंते मूसा (अ) होगा उसकी शिफाअत से हमारे तमाम शिया जन्नत में दाखिल हो जाएंगे।
बिहारूल अनवार, भाग 57,पेज 228
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