हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "ग़ेरर अल -हिकम" पुस्तक से ली गई है। यह रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامیر المؤمنين عليه السلام :
اَلْـغَضَـبُ يُرْدى صاحِبَهُ وَ يُبْـدى مَعـايِبَـهُ
हज़रत इमाम अली (अ) ने फ़रमाया:
क्रोध अपने स्वामी (अर्थात क्रोध करने वाले) को पतन और विनाश की ओर धकेलता है और उसके दोष उजागर करता है।
ग़ेरर अल-हिकम: भाग 2, पेज 31