हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,हाल के दिनों में इज़राइल ने अमेरिका के पूर्ण समर्थन के साथ ईरान के खिलाफ भड़काऊ कार्रवाइयाँ कीं। जवाब में, ईरान ने चेतावनी दी कि वह इन कार्रवाइयों को नज़रअंदाज़ नहीं करेगा।
इज़राइल ने तेहरान, ख़ुज़िस्तान और ईलाम में नकली और प्रतीकात्मक हमले किए, लेकिन ईरान की हवाई रक्षा की समय पर सतर्कता के कारण ये असफल रहे।
इसके बाद हिब्रू मीडिया ने गाजा और दक्षिणी लेबनान में युद्ध को समाप्त करने की बात कही इस दौरान दक्षिणी लेबनान में इज़राइली सेना को भारी नुकसान हुआ और इज़राइली अधिकारियों ने घोषणा की कि ज़मीनी हमले को एक या दो हफ्ते में समाप्त कर दिया जाएगा। इज़राईल के स्रोतों ने स्वीकार किया कि ईरान पर हमले से उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
हौज़ा न्यूज़ से बातचीत में इराकी विश्लेषक अलअबूदी ने कहा कि इज़राइल की ओर से शनिवार सुबह ईरान पर किया गया यह निराशाजनक हमला इज़राइल के लिए विनाशकारी परिणाम लाएगा।
उन्होंने कहा कि इस्लामी प्रतिरोध की ताकत इज़राईल के खिलाफ जवाब देने के लिए पर्याप्त है और यह हमला उन यहूदियों के लिए भी एक सख्त संदेश है जो नेतन्याहू की नेतृत्व वाली दक्षिणपंथी सरकार से नाखुश हैं।
अलअबूदी ने आगे कहा कि ईरानी सशस्त्र बलों की ठोस प्रतिक्रिया ने इज़राईल को और भड़का दिया है, और ईरान संभवत,अपनी रणनीति के तहत तुरंत जवाब देने के बजाय धैर्य रखेगा ताकि इज़राइल पर प्रतिरोधी ताकत का दबाव बढ़ता रहे।
क्षेत्र में इज़राइल का समर्थन करने वाले देशों को भी जवाब मिलेगा
इराकी विश्लेषक ने कहा कि उन अरब देशों को भी प्रतिरोधी ताकतों की ओर से जवाब मिलेगा जो इज़राइल को अपनी भूमि से गुजरने की अनुमति दे रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जवाब केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं हो सकता बल्कि इसमें आर्थिक कदम भी शामिल हो सकते हैं जैसे इराक और जॉर्डन के बीच होने वाले समझौते जिनके तहत इराक का तेल जॉर्डन के रास्ते अम्मान को भेजा जा रहा है।
ईरान का जवाबी हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उसका अधिकार है
अलअबूदी ने कहा कि इज़राईल की आक्रामकता के जवाब में ईरान को कानूनी अधिकार प्राप्त है, जो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत है, और ईरान इस अधिकार का उपयोग अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए कर सकता है।
अलअबूदी ने आगे कहा कि उनके विचार में ईरान की प्रतिक्रिया इज़राइली क्षेत्रों में ही होगी जिसे ईरान की नेतृत्व देश की सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा के लिए उपयुक्त समय और स्थान पर लागू करेगी।