हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने "क्या नेक गैर-मुसलमानों के लिए मृत्यु के बाद दुआ करना जायज़ होने?" से संबंधित एक सवाल का जवाब दिया है, जिसे शरई मसाइल मे रूची रखने वालो के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
* क्या नेक गैर-मुस्लिम लोगों के लिए मृत्यु के बाद दुआ करना जायज़ है?
प्रश्न: क्या किसी गैर-मुस्लिम अहले किताब या हिंदू स्पष्ट रूप से नेक बंदे के लिए मृत्यु के बाद दुआ की जा सकती है?
उत्तर: बिस्मेही सुब्हान, उसके लिए दुआ करना जायज़ है कि ईश्वर उसकी सज़ा कम कर दे, लेकिन उसके लिए क्षमा की दुआ करना जायज़ नहीं है। वल्लाहो आलम
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