गुरुवार 26 दिसंबर 2024 - 06:05
व्यक्ति को अपमानित और लज्जित करने वाली लज़्ज़त

हौज़ा /अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में ऐसी ख़ुशी पेश की है जो इंसान के लिए अपमान और शर्मिंदगी का कारण बनती है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "ग़िरर अल-हिकम" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمؤمنين عليه السلام:

مَن تَلَذَّذَ بِمَعاصي اللّه‏ أورَثَهُ اللّه ‏ذُلاًّ

अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमाया:

जो कोई परमेश्वर की मासीयत से प्रसन्न होता है, परमेश्वर उसे अपमानित करता है।

ग़िरर अल-हकीम, एच 8823

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha