हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,लखनऊ / शाही आसिफी मस्जिद में 31 जनवरी 2025 को जुमा की नमाज हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद रज़ा हैदर जैदी साहब क़िब्ला प्रिंसिपल हौज़ा इल्मिया हज़रत ग़ुफ़रानमाब लखनऊ की इमामत में अदा की गई।
मौलाना सैयद रज़ा हैदर जैदी ने नमाज़ियों को तक़वा-ए-इलाही की नसीहत करते हुए फ़रमाया,मैं अपने आप को और आप तमाम हज़रात को तक़वा-ए-इलाही इख्तियार करने की नसीहत कर रहा हूँ। परवरदिगार हम सब को इतनी तौफ़ीक़ दे कि हमारे दिलों में उसका तक़वा मौजूद हो हम हमेशा उससे डरते रहें और उसके अहकाम पर अमल करते रहें।
मौलाना सैयद रज़ा हैदर जैदी ने अमीरुल मोमिनीन अ.स. के खुत्बा-ए-ग़दीर को बयान करते हुए फ़रमाया,जो ग़दीर के दिन कुछ मोमिनों की किफालत की ज़िम्मेदारी लेगा तो अमीरुल मोमिनीन अ.स. ज़ामिन होंगे कि उस शख्स की मौत कुफ्र पर न हो और न ही वह तंगदस्त हो।
मौलाना ने हदीस की रौशनी में आगे फ़रमाया,अगर कोई मोमिनों की किफालत की ज़िम्मेदारी ले और उसे मौत आ जाए तो उसका अज्र अल्लाह पर है।
मौलाना ने इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. की हदीस बयान करते हुए कहा,हमारे शिया अहल-ए-मुरव्वत होते हैं बा इज़्ज़त होते हैं, सख़ी होते हैं, कंजूस नहीं होते, करीम होते हैं और अपने भाइयों की हाजत पूरी करने वाले होते हैं।
मौलाना ने अमीरुल मोमिनीन अ.स. की हदीस दोहराते हुए कहा,ख़ुदावंदे आलम ने दौलतमंदों के माल में फ़क़ीरों की रोज़ी फर्ज़ की है कोई फ़क़ीर भूखा नहीं सोता मगर ये कि मालदार ने उसके हक़ को रोक लिया है और अल्लाह इस सिलसिले में उससे सवाल करेगा।अगर हमारे समाज में कोई भूखा है तो इसका मतलब यह है कि अमीरों ने लापरवाही की है।
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