गुरुवार 6 मार्च 2025 - 16:45
हमास ने दिया ट्रंप की धमकियों का जवाब / बंधकों की रिहाई का एकमात्र रास्ता समझौता है

हौज़ा / हमास आंदोलन के प्रवक्ता ने कहा कि ट्रंप अपनी धमकियों के जरिए फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ नेतन्याहू को संघर्षविराम समझौते से बचने, अपराध जारी रखने और फिलिस्तीनियों की नाकाबंदी को और कठोर करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इजरायली बंदियों की रिहाई का एकमात्र रास्ता संघर्षविराम पर अमल करना है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हमास और फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ दिए गए अपमानजनक और धमकी भरे बयानों पर प्रतिक्रिया जारी है हमास के प्रवक्ता अब्दुल लतीफ अलक़ानूआ ने कहा कि ट्रंप की ये धमकियां फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ हैं और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को संघर्षविराम समझौते से बचने घेराबंदी बढ़ाने और फिलिस्तीनियों पर भुखमरी थोपने का अवसर दे रही हैं।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गाजा में बचे हुए इजरायली बंदियों की रिहाई का एकमात्र तरीका यही है कि इजरायल की सरकार संघर्षविराम वार्ता के दूसरे चरण में प्रवेश करे और मध्यस्थों की देखरेख में किए गए समझौते की शर्तों का पालन करे।

हमास के एक अन्य प्रवक्ता हाज़ेम क़ासिम ने भी आज कहा कि ट्रंप की धमकियां संघर्षविराम समझौते को और अधिक जटिल बना रही हैं और इससे इजरायल के कब्जे वाली सेना के अत्याचार और युद्ध अपराध और तेज हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रंप को नेतन्याहू पर दबाव डालना चाहिए ताकि संघर्षविराम वार्ता के दूसरे चरण की शुरुआत हो सके लेकिन इसके बजाय इजरायल उनकी धमकियों का इस्तेमाल गाजा की नाकाबंदी और वहां के निवासियों को भुखमरी की सज़ा देने के लिए कर रहा है।

आज सुबह ट्रंप प्रशासन और हमास के बीच गुप्त वार्ता की खबरों के कुछ ही मिनटों बाद, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर इजरायल के प्रति अपनी वफादारी को दोहराया।

हालांकि, ट्रंप ने इस बात का कोई ज़िक्र नहीं किया कि सैकड़ों फिलिस्तीनी शहीदों के शव अभी भी इजरायली सेना के कब्जे में हैं और इजरायल की सेना गाजा के कब्रिस्तानों से शव चुराने की घटनाओं में शामिल रही है।

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