हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "कशफ़ अल-गुम्मा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الجواد عليه السلام:
مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ
हज़रत इमाम तक़ी (अ) ने फ़रमयाः
जो व्यक्ति बुरे काम को अच्छा समझता है, वह मानो उस काम में भागीदार है।
कशफ अल-गुम्मा, 139/3
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