बुधवार 23 अप्रैल 2025 - 06:00
दूसरों के पापों में भागीदार होना!

हौज़ा / इमाम जवाद (अ) ने एक रिवायत में दूसरों के गुनाहों को अच्छाई मानने की बुराई की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "कशफ़ अल-गुम्मा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الجواد عليه السلام:

مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ 

हज़रत इमाम तक़ी (अ) ने फ़रमयाः

जो व्यक्ति बुरे काम को अच्छा समझता है, वह मानो उस काम में भागीदार है।

कशफ अल-गुम्मा, 139/3

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