हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الحسین علیہ السلام
اِيّاكَ وَما تَعْتَذِرُ مِنْهُ، فَاِنَّ الْمُؤْمِنَ لايُسِى ءُ وَ لا يَعْتَذِرُ وَالْمُنافِقَ كُلُّ يَوْمٍ يُسِىءُ وَ يَعْتَذِرُ
हज़रत इमाम हुसैन अ.स.ने फ़रमाया:
जो काम बाद में माफी मांगने का सबब बने उसे अंजाम देने से परहेज़ करो,क्योंकि मोमिना ऐसा बुरा काम ही नहीं करता, लेकिन मुनाफ़िक़ हर रोज़ बुरे काम करता है और इसके बाद माफी मांगता रहता हैं।
बिहारूल अनवार,भाग 78,पेंज 120