रविवार 4 मई 2025 - 18:44
हौज़ा ए इल्मिया क़ुम की पुनः स्थापना की सौवीं वर्षगांठ पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 7 मई को क़ुम में आयोजित होगी

हौज़ा / हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम की आधुनिक स्थापना की सौवीं वर्षगांठ के अवसर पर 7 और 8 मई को क़ुम में एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।इस बात की घोषणा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुक़ीमी हाजी, जो इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के महासचिव हैं ने तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हौज़ा ए इल्मिया क़ुम की आधुनिक स्थापना की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर 7 और 8 मई को एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सम्मेलन क़ुम में आयोजित किया जा रही है। इस बात की घोषणा इस सम्मेलन के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मक़ीमी हाजी ने तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम को 12 शताब्दियों पर फैला एक महान शैक्षणिक विरासत प्राप्त है लेकिन आयतुल्लाह शेख़ अब्दुलकरीम हायरी यज़्दी की नेतृत्व में इसे नया जीवन मिला। उन्होंने ऐसे विद्वानों और छात्रों की नींव रखी जिन्होंने मक़तब-ए-अहलेबैत अ.स. की शिक्षाओं को ईरान सहित दुनिया भर में फैलाया।

उन्होंने बताया कि आयतुल्लाह हायरी के समय में फ़िक़्ह तफ़सीर (कुरआन की व्याख्या), फ़लसफ़ा के साथ-साथ नजूम और हीअत जैसे विषय भी हौज़ा में पढ़ाए जाते थे।बाद में आयतुल्लाहिल उज़मा बुर्जुर्दी और इमाम ख़ुमैनी (रह.) जैसे महान उलेमा की उपस्थिति से हौज़ा-ए-इल्मिया को और अधिक विस्तार व प्रगति मिली।

हुज्जतुल इस्लाम मक़ीमी हाजी ने बताया कि इस सम्मेलन के लिए 20 खंडों पर आधारित शैक्षणिक लेख, नोट्स और शिक्षाओं को इकट्ठा कर, संपादित और संरक्षित किया गया है ताकि हौज़ा के संस्थापकों की शैक्षणिक विरासत जीवित रहे।

इसके लिए चार साल पहले 25 शैक्षणिक समूह बनाए गए थे, जिन्होंने विभिन्न विषयों पर लेख एकत्र किए और शैक्षणिक, सांस्कृतिक और दृश्य सामग्री तैयार की यह काम सम्मेलन के बाद भी जारी रहेगा।

स्थान: क़ुम का मदरसा-ए-इमाम काज़िम (अ)

दिन: 7 मई को उद्घाटन, जिसमें मराजय ए तक़लीद के संदेश और विभिन्न प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति की उम्मीद है।

दोपहर से 25 शैक्षणिक सत्र आयोजित होंगे।

8 मई (दूसरा दिन):

हौज़ा और तबलीग़ (प्रचार)

हौज़ा और अंतरराष्ट्रीय संबंध

हौज़ा, इस्लामी क्रांति और प्रतिरोध

हौज़ा, महिलाएं और परिवार
इन पर अलग-अलग सत्र होंगे।

हौज़ा, विश्वविद्यालय और इस्लामी व मानविकी ज्ञान में परिवर्तन” पर एक विशेष सम्मेलन दो सप्ताह बाद आयोजित किया जाएगा।
यह सम्मेलन हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम की पिछली सौ वर्षों की शैक्षणिक, वैचारिक और सामाजिक भूमिका की समीक्षा के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

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