हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरियन संसद में रविवार को सिडनी के तट पर घटित दर्दनाक आतंकवादी घटना की निंदा की देश में शांति और क़ानून-व्यवस्था के संवर्धन तथा पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक उद्देश्यपूर्ण और गरिमामय अंतर-सांस्कृतिक बैठक आयोजित की गई।
इस अहम बैठक में विक्टोरिया की प्रीमियर, कई मंत्री तथा विभिन्न धर्मों से जुड़े प्रतिनिधि नेताओं ने शिरकत की। बैठक का मक़सद यह साफ़ संदेश देना था कि आतंकवाद किसी एक धर्म या क़ौम का मसला नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के ख़िलाफ़ एक संगीन अपराध है।
शिया अशना अशरी समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद अबुल क़ासिम रिज़वी, अध्यक्ष शिया उलेमा काउंसिल ऑस्ट्रेलिया, को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। बैठक के दौरान आतंकवाद के ख़िलाफ़ सर्वसम्मति से शोक प्रस्ताव पारित किया गया और इस बर्बर कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की गई।
मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी ने अपने संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली संबोधन में सिडनी की घटना की तीव्र निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता को विभाजित नहीं कर सकता। उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा,हमारे दिल ज़रूर टूटे हुए हैं, मगर हम टूटे नहीं हैं। हम कल भी साथ थे, आज भी साथ हैं और आगे भी साथ रहेंगे।
उन्होंने मानवीय भाईचारे पर ज़ोर देते हुए हज़रत अली अलैहिस्सलाम के कथन का हवाला दिया,
लोग दो प्रकार के भाई होते हैं; एक धर्म के आधार पर और दूसरे मानवता के आधार पर।
मौलाना सैयद अबुल क़ासिम रिज़वी ने कहा कि यही मानवीय रिश्ता और सामूहिक एकजुटता आतंकवाद के मंसूबों को नाकाम बनाएगी।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक शांतिपूर्ण और सुंदर देश है, जिसकी नींव प्रेम, सहिष्णुता और आपसी सम्मान पर टिकी है, और नफ़रत, हिंसा व अतिवाद इसकी सुंदरता को नुक़सान नहीं पहुँचा सकता।
मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी के अनुसार, आतंकवादी इस ग़लतफ़हमी में हैं कि वे अपने उद्देश्यों में सफल हो जाएंगा, जबकि इस धरती पर नफ़रत के लिए कोई जगह नहीं है।
अपने भाषण के अंत में मौलाना सैयद अबुल क़ासिम रिज़वी ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी क़ौम उनके दुख में सहभागी है और वे अकेले नहीं हैं।
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