हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह रिवायत “नहजुल बलागा” पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال امیرالمؤمنین امام علی علیه السلام:
اِذا هِبْتَ اَمْرا فَقَعْ فيهِ فَاِنَّ شِدَّةَ تَوَقّيهِ اَعْظَمُ مِمّا تَخافُ مِنْهُ؛
इमाम अली (अ) ने फ़रमाया:
जब आपको किसी चीज़ से डर लगे, तो उसे करें, क्योंकि डरे रहना उस नुकसान से ज़्यादा दर्दनाक है जिससे आप डरते हैं।
नहजुल बलागा, हिकमत 175
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