शुक्रवार 20 जून 2025 - 08:22
ईरान के मुक़ाबले मे इज़रायल की शिकस्त निश्चित है

हौज़ा / यमन के अंसारूल्लाह के नेता अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अल हौसी ने कहा कि इज़रायल ईरान को कभी शिकस्त नही दे सकता और ईरान की जवाबी कार्रवाईया बहुत प्रभावी और तबाह करने वाली रही है।अमेरिका की ईरान को स्वीकार करने की खावहिश निराधार है, और मुस्लिम उम्मा को चाहिए कि वह पश्चिमी ताकतो की चालाकीयो पहचाने और ईरान के साथ खड़े हो।

हौज़ा न्यूज़ एजेसी की रिपोर्ट के अनुसार, यमन की अंसारुल्लाह तहरीक के नेता अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अल हौसी ने अपने बयान मे कहा कि इज़रायल ईरान के खिलाफ़ युद्ध के माध्यम से इस्लामी उम्मत को कमज़ोर और विवश करने का प्रयास कर रहा है, मगर हम एकजुट उम्मत है जिसे पश्चिमी की सर्मथन प्राप्त दुशमन ने निशाना बनाया है और संभावित तरीको से हमले कर रहा है। उन्होने इज़रायल शासन की ओर से जारी सप्ताह मे फ़िलिस्तीन राष्ट्र पर किए गए अत्याचार की कड़ी निंदा करते हुए बताया कि इन हमलो मे तीन हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी बच्चे शहीद और घायल हुए है। इज़रायल अब ग़ज्ज़ा मे नसल कुशी पर ध्यान दे रहा है और विशेष कर महिलाओ और बच्चो को निशाना बना रहा है।

अंसारुल्लाह के नेता ने अमेरिका और इज़रायल की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली इंसानी मदद पर भी कड़े निंदा की और कहा कि यह मदद वास्तव मे फ़िलिस्तीनीयो के नरसंहार का माध्यम बन चुकी है, क्योकि इजरायल ने इमदादी केंद्रो को नरसंहार और क़त्ल व ग़ारत के केंद्रो मे परिवर्तित कर दिया है। फ़िलिस्तीनी भूख से विवश होकर उन केंद्रो मे जाते है, मगर वहा तोपखानो और हवाई हमलो से उन्हे निशाना बनाया जाता है। उन्होने वैश्विक बरादरी पर जोर दिया कि अमेरिका और इजरायल की इंसानी बहबूद के नाम पर की जाने वाली यह चालाकिया बंद की जाएं क्योकि इज़रायल एक जंगली और अपराधी है जो गज़्ज़ा मे किसी भी प्रकार की मानवीय सहायता नही चाहता।

अंसारूल्लाह के नेता ने कहा कि इज़रायल की ओर से गज़्ज़ा मे ईंधन पर प्रतिबंध, जल की अपूर्ति का कारण बनी है और इस रज़ीम ने इमारतो और घरो की तबाही आरम्भ कर दी है ताकि फ़िलिस्तीनीयो को जबरदस्ती अपनी मातृभूमि से निकाला जा सके। इज़रायल का मस्जिद अल अक्सा पर हमला, नमाजियो की बे दखली और वहा उसके फ़ौजी हैसीयत परिवर्तित करना एक अत्यंत ख़तरनाक कार्रवाई है।

ईरान और पश्चिम के संबंध पर स्टैंड

उन्होने कहा कि इज़रायल का ईरान पर हमला क्षेत्र के लिए खतरनाक है, जबकि अमेरिका ने ईरान के साथ वार्ता के माध्यम धोखा दिया है। पश्चिम ईरान के खिलाफ सख्त स्टैंड रखता है। मगर इज़रायल और कुछ दूसरे देश परमाणु हथियार रखते है, जबकि ईरान ने बार बार कहा है कि वह परमाणु हथियार नही चाहता क्योकि मज़हब के हिसाब से यह हराम है। उन्होने कहा कि ईरान की ओर से कठोर निगरानी के बावजूद पश्चिमी देशो की मुखालफ़त इस्लामी उम्मत के लिए बड़ा चैलेंज है, और ईरान एक स्वतंत्र और खुदमुख्तार देश है जिसने पश्चिम के सामने कभी सर नही झुकाया। अंसारुल्लाह के नेता ने ईरान की वैज्ञानिक विकास को दुशमनी की एक बड़ी वजह बताया और कहा कि परमाणु मुद्दा पश्चिम के लिए केवल बहाना है, जबकि अमेरिका और इजराचल के पास परमाणु हथियार है जो मानवता के लिए खतरा है। 

हमलो के प्रभाव और ईरान की शक्ति

उन्होने कहा कि इज़रायल के हमलो ने ईरान मे एकता को मज़बूत किया है और ईरान की शक्ति से इज़रायल परेशान है। इज़रायल भयभीत है और फ़िलिस्तीन मे दहशत के कारण कई ज़ायोनी करीबी देश की ओर भाग रहे है। उन्होने आगे कहा कि ईरान कभी भी अमेरिका और इज़राय के सामने नही झुकेगा और पूरी ताकत के साथ रक्षा मे खड़ा रहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ईरान की बिना शर्तो के स्वीकार की बाते निराधार है।

इज़रायल की कमज़ोरी

अंसारुल्लाह के नेता ने कहा कि इज़रायल की कोई हक़ीक़त नही, वह हमलो को वुजूदी खतरा समझ कर हमेशा भागने की कोशिश करता है। ईरान एक विकाश शील देश है जो इस्लामी दुनिया के लिए एक उदाहरण है। उन्होने कहा कि ईरान के वैज्ञानिक विकास ने दुशमनो मे कीना पैदा कर दिया है और ईरान आत्म निर्भर के मार्ग पर अग्रसर है। 

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