۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / पैगंबर (स) ने एक रिवायत मे उन चार आदतों की ओर संकेत किया है जो दिल को मुर्रदा कर देती हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "अल-ख़िसाल" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم:

أَرْبَعٌ يُمِتْنَ اَلْقَلْبَ اَلذَّنْبُ عَلَى اَلذَّنْبِ وَ كَثْرَةُ مُنَاقَشَةِ اَلنِّسَاءِ يَعْنِي مُحَادَثَتَهُنَّ وَ مُمَارَاةُ اَلْأَحْمَقِ تَقُولُ وَ يَقُولُ وَ لاَ يَرْجِعُ إِلَى خَيْرٍ أَبَداً وَ مُجَالَسَةُ اَلْمَوْتَى فَقِيلَ لَهُ يَا رَسُولَ اَللَّهِ صَلَّى اَللَّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ وَ مَا اَلْمَوْتَى قَالَ كُلُّ غَنِيٍّ مُتْرَفٍ

पैगंबर (स) ने फ़रमाया: चार आदते दिल को मुर्दा कर देती हैं:

1. पाप पर पाप

2. महिलाओं के साथ अत्यधिक उठना बैठना

3. उस मूर्ख से बहस करना जो बहुत ज्यादा बोलता है और सच को स्वीकार नहीं करता

4. मृतकों के साथ मित्रता और सहयोग

पूछा गया, हे अल्लाह के रसूल, मृतको से क्या मुराद है? तो हज़रत (स) ने फ़रमाया: "वह प्रत्येक अमीर व्यक्ति जो अय्याश और शुखगुजरान हो"।

अल ख़िसाल, भाग 1, पेज 228

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