हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह जवादी आमोली (द ज) ने इमाम सज्जाद (अ) के शब्दों के आलोक में मनुष्य की मुक्ति का मार्ग समझाया है:
मुक्ति का एकमात्र मार्ग यह है कि मनुष्य अहले-बैत के साथ रहे, उनके साथ एकमत हो और उनके साथ यात्रा करे।
इमाम सज्जाद (अ) फ़रमाते हैं:
जो कोई अहले बैत से आगे निकल जाएगा वह भटक जाएगा और अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँच पाएगा, और जो कारवां से पीछे रह जाएगा वह नष्ट हो जाएगा।
स्रोत: आयतुल्लाह जवादी आमोली (द ज), दर्स-ए-अख़लाक़ 29/04/1402
आपकी टिप्पणी