हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का मूल पाठ इस प्रकार है:
قال الامام السجاد علیه السلام:
وَ الذُّنُوبُ الَّتِی تَرُدُّ الدُّعَاءَ … اسْتِعْمَالُ الْبَذَاءِ وَ الْفُحْشُ فِی الْقَوْلِ
इमाम सज्जाद (अ) ने फ़रमाया:
वह पाप जो दुआ को पलटा देते है उनमे से एक बद ज़बानी और बातचीत मे अशलील भाषा का इस्तेमाल है।
बिहार उल अनवार, पेज 375
आपकी टिप्पणी