हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार अल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامیرالمؤمنين عليه السلام:
ثَلاثُ خِصالٍ تُجتَلبُ بِهِنَّ المَحَبَّةُ: الإِنصافُ فِي المُعاشَرَةِ، وَالمُؤاساةُ فِي الشِّدَّةِ وَالاِنطِواعِ ، وَالرُّجوعُ إلى قَلبٍ سَليمٍ
अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमाया:
तीन आदतें और लक्षण मित्रता और प्यार को बढ़ाते हैं:
1. जीने में न्याय करना
2. सुख-दुख में दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना
3. (पापों से) शुद्ध हृदय रखना।
बिहार अल अनवार, भाग 75, पेज 82