हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत को "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ عليه وآله:
أعظَمُ أهلِ عَرَفاتٍ جُرماً مِنِ انصَرَفَ وهُوَ یَظُنُّ أنَّهُ لَن یُغفَرَ لَهُ
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
अराफ़ात के लोगों का सबसे बड़ा गुनाह यह है कि वह भटक जाता है और सोचता है कि उसे माफ नहीं किया जाएगा।
बिहार उल-अनवार, भाग 99, पेज 248
आपकी टिप्पणी